Koi Duniya E A Ata Me Nahi Hamta Tera Naat Lyrics

Koe duniya a ataa mai nahi hamta tera azmat raza bhagalpuri कोई दुनिया ए अता में नहीं हमता तेरा
हो जो हातिम को मुयस्सर ये नज़ारा तेरा
कह उठे देख के बख़्शिश में ये रुतबा तेरा

वाह क्या जूद व करम है शहे बतहा तेरा
नहीं सुनता ही नहीं मांगने वाला तेरा

 

कुछ बशर होने के नाते तुझे ख़ुद सा जानें
और कुछ महज़ पयामी ही ख़ुदा का जानें
इनकी औक़ात ही क्या है कि यह इतना जानें

फर्श वाले तेरी अज़मत का उ़लू क्या जानें
ख़ुसरवा अ़र्श पे उड़ता है फरेरा तेरा


मुझसे नाचीज़ पे है तेरी इनायत कितनी
तूने हर गाम पे की मेरी हिमायत कितनी
क्या बताऊं तेरी रहमत में है वुसअ़त कितनी

एक मैं क्या मेरे इसियां की हक़ीक़त कितनी
मुझसे सौ लाख को काफ़ी है इशारा तेरा

 

कई पुश्तों से ग़ुलामी का यह रिश्ता है बहाल
यहीं तिफ़्ली व जवानी के बिताए महो-साल
अब बुढ़ापे में ख़ुदारा हमें यूं दर से न टाल

तेरे टुकड़ों पे पले ग़ैर की ठोकर पे न डाल
झिड़कियां खाएं कहां छोड़ के सदक़ा तेरा

नज़्र-ए-उश्शाक़-ए-नबी है यह मेरा हर्फ़-ए-ग़रीब
मिंबर ए वाज़ पे लड़ते रहें आपस में ख़तीब
ये अ़क़ीदा रहे अल्लाह करे मुझको नसीब

मैं तो मालिक ही कहूंगा कि हो मालिक के हबीब
यानी महबूब व मुहिब में नहीं मेरा तेरा


तुझसे हर चंद है वह क़द्र व फज़ाइल में रफ़ीअ़
कर नसीर आज मगर फिक्र-ए-रज़ा की तैसीअ़
पास है उसके शफ़ाअ़त का वसीला भी वक़ीअ़

तेरी सरकार में लाता है रज़ा उसको शफीअ़
जो मेरा ग़ौस़ है और लाडला बेटा तेरा


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